दबे पांव आता है 'साइलेंट' हार्ट अटैक, क्या आपको पता हैं इसके आने के ये 5 संकेत?

दबे पांव आता है 'साइलेंट' हार्ट अटैक, क्या आपको पता हैं इसके आने के ये 5 संकेत?

सेहतराग टीम

हमारे शरीर में कई तरह के रोग होते हैं। उनमें से कई सामान्य होते हैं जो आसानी से ठीक हो जात हैं, लेकिन कई काफी खतरनाक होते हैं जिनका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो वह जान भी ले सकते हैं। उन्हीं में एक है ह्दय संबधी रोग। इसका बढ़ता खतरा किसी चिंता से कम नहीं है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हार्ट अटैक सहित ह्रदय रोग ही है। हार्ट अटैक यानी की दिल का दौरा तब आता है, जब हमारे हार्ट यानी के दिल तक रक्त पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनी में फैट जमा हो जाता है और ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट पैदा होने लगती है। धमनी में फैट जमा हो जाने से खून का प्रवाह बाधित होता है और रक्त न मिल पाने के कारण हमारे दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।

पढ़ें- हृदय रोग में योग पर कितना भरोसा करें

वैसे तो इस रोग से अधिकतर लोगों की मौत होती है लेकिन उनमें कई ऐसे होते हैं जिन्हें पता नहीं होता है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ने वाला है जिससे उनकी मौके पर मौत हो जाती है। ऐसे हार्ट अटैक को साइलेंट हार्ट अटैक कहते हैं। इस तरह के अटैक में लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं और इस बीमारी के मरीज को पता भी नहीं चल पाता है। तो आइए जानते हैं कि आखिर क्या होता है साइलेंट हार्ट अटैक-

क्या है 'साइलेंट हार्ट अटैक'

हार्ट अटैक के करीब 25 प्रतिशत मामले साइलेंट हार्ट अटैक जैसी स्थिति के होते हैं। इस स्थिति में ज्यादातर मरीजों की मौत हो जाती है। इस स्थिति में रोगी को पता ही नहीं होता है कि उसे हार्ट अटैक आना वाला है। इस स्थिति में मरीजों को हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई नहीं देते या फिर वे इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। साइलेंट हार्ट अटैक ज्यादा घातक होता है इसलिए इसके लक्षणों के बारे में जानकारी जरूरी है। हालांकि कुछ स्थितियों में ऐसा होता है कि आपको हार्ट अटैक के बारे में पता नहीं चलता और आपको अस्पताल जाकर पता चलता है कि आप हार्ट अटैक के शिकार हुए हैं। अगर आप भी सोच रहे हैं कि ऐसे कौन से लक्षण हैं, जो बताते हैं कि हार्ट अटैक कब और कैसे बिना बताए आ जाता है तो हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं।

सामान्य स्थिति में कैसे आता है हार्ट अटैक

40 के बाद अगर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य है, कोलेस्ट्रॉल सामान्य है और तो और आपकी नब्ज भी सही से चल रही है तब भी आप हार्ट अटैक की शिकायत से परेशान हो सकते हैं। जी हां, कुछ स्थितियों में ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है। लेकिन ऐसे कुछ लक्षण हैं, जिन्हें पहचानकर आप पता लगा सकते हैं कि हार्ट अटैक बस आ ही गया। वे लक्षण हैं ये

दिल की धड़कन में अचानक बदलाव

साइलेंट हार्ट अटैक की स्थिति में बहुत से लोगों को छाती में दर्द की शिकायत नहीं होती है। लेकिन कुछ वक्त पहले से लोगों के दिल की धड़कन में अचानक बदलाव शुरू हो जाता है। वे महिलाएं, जिनमें जल्दी मेनोपॉज हो जाता है उनमें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। 45 पार महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या के कारण भी दिल की धड़कन में बदलाव होता है, जो कुछ स्थितियों में हार्ट अटैक का कारण बनता है।

 कंधों के बीच पीठ में होने वाला दर्द

अगर आपको रात को सोनो में दिक्कत हो रही है खासकर आपको दोनों कंधों के बीच कुछ अजीब सा महसूस हो रहा है। कंधों के बीच जकड़न और रह-रह कर दर्द होना भी ये संकेत है कि आपको हार्ट अटैक पड़ने वाला है। इस स्थिति में व्यक्ति को नींद नहीं आती है और बैचेनी व घबराहट होने लगती है। 

घूमने लगता है शरीर

हार्ट अटैक से करीब एक सप्ताह पहले आपका शरीर घूमना शुरू कर देता है और ये स्थिति लगभग ज्यादातर लोगों को परेशान करती है। बैठे-बैठे भी आपको ये स्थिति परेशान कर सकती है। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंजाद नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। ऐसी स्थिति निश्चित रूप से हार्ट अटैक का कारण बनती है।

बाथरूम जाते वक्त चक्कर आना

अगर आप रात भर सो नहीं सके हैं और सुबह उठकर आपके लिए बाथरूम जाना मुश्किल हो जाता है यानी की अगर आपको उठते ही चक्कर आने लगे और आपका किसी काम में मन न लगे तो आपको दिक्कत हो सकती है। ऐसा तब भी होता है जब आप टीवी पर कोई फिल्म या नाटक देख रहे हों और आपको हल्का-हल्का धुंधला दिखाई देने लगे। ये स्थिति पर कभी-कभार हार्ट अटैक का कारण बनती है।

ठंडा पसीना आना

आपने पसीना आना तो सुना ही होगा लेकिन ठंड लगकर पसीना आना बहुत ही कम लोग अनुभव करते हैं। इस स्थिति में आपकी स्किन बिल्कुल ठंडी हो जाती है और आपके चेहरे से पसीना टपकने लगता है। अगर आपको ऐसी ही किसी प्रकार की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

इसे भी पढ़ें-

हार्ट अटैक के समय हैं अकेले तो अपनाएंं यह उपाय, बचने की बढ़ जाएंगी संभावनाएं

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।